• पाक रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान में 'आतंकवाद विरोधी' अभियान शुरू करने का दिया संकेत

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को संकेत दिया कि देश की सेना अफगानिस्तान में 'आतंकवादी ठिकानों' के खिलाफ अभियान शुरू कर सकती है

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    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को संकेत दिया कि देश की सेना अफगानिस्तान में 'आतंकवादी ठिकानों' के खिलाफ अभियान शुरू कर सकती है।

    ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान और तालिबान सरकार पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कहा, "अगर हमें किसी देश में पाकिस्तान के दुश्मनों पर हमला करना पड़ा तो हम ऐसा करेंगे।"

    आसिफ ने यह बयान मंगलवार को पाकिस्तान के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक के एक दिन बाद दिया है। इस बैठक में सभी प्रकार के आतंकवाद को खत्म करने का फैसला लिया गया।

    शरीफ सरकार ने बार-बार दावा किया है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान विरोधी समूहों को पनाह दे रहा है, उन्हें मदद दे रहा है, उनका समर्थन कर रहा है और उन्हें पैसे भी दे रहा है।

    पाकिस्तान ने पहले भी अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले किए हैं। उसका दावा है कि उसने टीटीपी आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें मार गिराया।

    दिसंबर 2024 में किए गए हवाई हमलों में पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान आदिवासी जिले के पास पक्तिका प्रांत के बरमल जिले को निशाना बनाया गया।

    इस्लामाबाद ने दावा किया कि उसके पास अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों के सटीक स्थानों की खुफिया जानकारी थी।

    अफगान तालिबान ने हमले की पुष्टि की और दावा किया कि पाकिस्तानी हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 46 निर्दोष लोग मारे गए।

    इस्लामाबाद का यह भी दावा है कि बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण को जिन आतंकवादियों ने अंजाम दिया था, वो अफगानिस्तान में अपने आकाओं से संवाद कर रहे थे।

    बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की ओर से बोलन दर्रे में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया गया था। सुरक्षाबलों के साथ 36 घंटे तक चले टकराव चला। दर्जनों लोग मारे गए, जिनमें बंधक, सुरक्षाकर्मी और बीएलए के आतंकवादी शामिल थे।

    इस हमले के बाद शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) और 'अज़्म-ए-इस्तेहकम' रणनीति को तुरंत लागू करने का फैसला किया।

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